लोकसभा चुनाव 2024 पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जो काफी अहम माना जा रहा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने रविवार 16 जुलाई को NDA गठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया है। तो वहीं, ओपी राजभर के NDA में जाने से विपक्ष को उत्तर प्रदेश में एक बड़ा झटका लगा है। NDA गठबंधन में शामिल होने का फैसला सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के बाद लिया है। ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के NDA गठबंधन में शामिल होने की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके दी।
वहीं, दूसरी तरफ सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी और भाजपा ने आगामी 2024 चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला लिया है। 14 तारीख को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई और विभिन्न बिंदुओं पर बात हुई। दोनों दल के मिलने से पूरे प्रदेश में एक बड़ी ताकत पैदा होगी। देश के प्रधानमंत्री की सोच को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।
कौन हैं ओम प्रकाश राजभर?
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का जन्म 15 सितंबर 1962 में वाराणसी जिले के फतेहपुर खौदा सिंधोर में हुआ था। वे उत्तर प्रदेश के जहूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं विधानसभा के सदस्य हैं और जूहराबाद से विधायक भी हैं। ओपी राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके है। उनके पास पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग मंत्रलाय था। लेकिन, ओपी राजभर ने सरकार विरोधी बयान बाजी शुरू कर दी थी। राजभर की गठबंधन विरोधी गतिविधियों को देखते हुए 20 मई 2019 को योगी सरकार ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
2022 से सपा से किया था गठबंधन
2017 में ओम प्रकाश राजभर गठबंधन कर बीजेपी के साथ आए थे, लेकिन यह गठबंधन ज्यादा दिन नहीं टिका। मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया था। हालांकि चुनाव में सपा को सफलता नहीं मिल सकी लेकिन अखिलेश के साथ गठबंधन कर राजभर ने पूर्वांचल में NDA को काफी नुकसान पहुंचाया था।
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राजभर ने बोला था अखिलेश पर हमला
2022 में योगी सरकार की वापसी के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। राजभर ने कहा था कि अखिलेश अपने नवरत्नों से घिर रहते हैं और AC से बाहर नहीं निकलना ही आजमगढ़ उपचुनाव में हार का सबसे बड़ा कारण रहा। इसके बाद उनका सपा से भी गठबंधन खत्म हो गया। पिछले काफी दिनों से राजभर विपक्ष को एकजुट की बात करने के साथ-साथ मायावती को गठबंधन में लाने और पीएम उम्मीदवार बनाने की भी मांग कर चुके है। लेकिन अब सत्ता के गलियारे में कुछ ऐसा हो गया जिसने पूरे विपक्ष गठबंधन का भारी चोट दे दी है।
राजभर की NDA में की वापसी
पिछले काफी लंबे वक्त से NDA से नाराज चल रहे ओम प्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले बीजेपी के कद्दावर नेताओं ने मना लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजीपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में एनडीए, सुभासपा प्रत्याशी को अपना समर्थन देंगी। वहीं, राजभर के योगी सरकार में मंत्री बनने की चर्चाएं भी है। बता दें कि राजभर ने अमित शाह के सामने लोकसभा चुनाव में कुल तीन सीटों की मांग रखी है। इनमें दो सीटें यूपी में और एक सीट बिहार में मांगी है।
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