-Lord Buddha
BUDDHA PURNIMA
जब इंसान की जरुरतेंं कम होगी तो उसके साधन कम होंगे जिन्हें जुटाने में उसे कम मेहनत करनी होगी जिससे वो स्वस्थ रहेगा और खुश रहेगा इसलिए जो इंसान थोड़े में खुश हो जाता है वही इंसान असल जिंदगी में सच्चा सुखी होता है।
क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। क्रोधित मनुष्य आवेश में अपने सोचने समझने की सामर्थ्य खो देता है इसलिए उसका सही काम भी उल्टा हो जाता है इसलिए क्रोध से दूर रहने का प्रयास करें। आप क्रोध को नियंत्रित करें ना कि क्रोध आपको।
भगवान बुद्ध ने कहा था कि हमेशा सच बोलिए क्योंकि सत्य छिप ही नहीं सकता, उसे छुपाने के चक्कर में इंसान तो दस झूठ बोलने पड़ते हैं। फिरभी वह सत्य एक दिन सूर्य की तरह चमकता हुआ निकाल आता है।
नफरत की आंधी को केवल प्रेम के वार से ही रोका जा सकता है। प्रेम वह नदी है, जहां हर नफरत समा सकती है। इसलिए क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से, और झूठ को सत्य से जीतने का प्रयास करें।
जो इंसान शांति से काम लेता है, वही सफल होता है। ऐसे व्यक्ति ही तकलीफों को जड़ से खत्म कर सकते हैं। इसलिए इंसान को हमेशा अपना चित्त शांत और ठंडा रखना चाहिए। जिस दिन आप ये कर लेंगे उस दिन आप अपनी आधी जंग जीत लेंगे।
अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान होता है, इसलिए ऐसे इंसान से हर व्यक्ति को दूर रहना चाहिए, ये लोग केवल संकट को दावत देते हैं, ये ज्ञान से नहीं बल्कि आकार में बढ़ते हैं।
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