शिलाजीत उन बेमिसाल औषधियों में से एक है, जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से होता या रहा है। हिमालय की चट्टानों से निकलने वाली इस खास औषधि में एंटीवायरल गुण मौजूद होते है। शिलाजीत फुल्विक और ह्यूमिक एसिड से भरपूर होता है, जो न सिर्फ दिमाग तेज करता है बल्कि बढ़ती उम्र को रोकने में काफी कारगर है। यह शरीर में आयरन की भी नहीं होने देता हैं।
वहीं बात करें तो शिलाजीत सेक्शुअल एनर्जी को बढ़ाने वाली दवा के तौर पर ज्यादा पहचाना जाता है। जिस वजह से पिछले कुछ दशकों में इसकी मांग में काफी उछाल देखा गया है। आज बढ़ती मांग को देखते हुए मुनाफा कमाने के चक्कर में बाजार में शिलाजीत के नाम पर कई तरह की कैप्सूल और चूर्ण धड़ल्ले से बिक रहे हैं, जिसमें कौन असली है या नकली इसकी पहचान करना भी काफी जरूरी हो जाता है।
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काफी लोग कई वजहों से शिलाजीत का सेवन करते हैं लेकिन कई बार लोगों को पता नहीं चलता कि वह असली शिलाजीत का सेवन कर रहे है या फिर नकली का। नकली शिलाजीत शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता हैं। इसलिए जरूरी है कि असली और नकली शिलाजीत में फर्क पहचाना जाए तो आइए जानते हैं पहचानने के कुछ खास तरीके-
कैसे पहचाने असली और नकली शिलाजीत?
घोलकर पहचाने असली शिलाजीत
शिलाजीत की शुद्धता को परखने का सबसे आसान तरीका यह है कि शिलाजीत का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर उसे पानी में डाल दें। असली शिलाजीत बिना कोई अवशेष छोड़े पानी में आसानी से घुलकर गहरे भूरे या लाल काले रंग में बदल जाता है। अगर वहीं शिलाजीत में फिलर्स की मिलावट होगी तो नकली शिलाजीत पानी के ऊपर तैरने के साथ ही रेतीला अवशेष भी नजर आ जाएगा।
तापमान से पहचाने
शिलाजीत की शुद्धता जांचने का दूसरा आसान तरीका यह है कि इसे आधिक तापमान में रखकर चिपचिपा हो जाता है और उंगलियों पर चिपकने लगता है। वहीं तापमान कम होने पर ठंडी शिलाजीत सख्त हो जाती है और तोड़ने पर टूट जाती है।
एल्कोहल (शराब) टेस्ट
शिलाजीत को पहचानने के लिए एल्कोहल टेस्ट भी कर सकते हैं। असली शिलाजीत शराब में नहीं घुलती है और वहीं नकली शिलाजीत एल्कोहल में आसानी से घुल जाती है। कई बार असली शिलाजीत एल्कोहल में मिलाने से छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाता है पर पूरी तरह से घुलता नहीं है इससे भी शुद्ध शिलाजीत माना जाएगा।
आग में जलाकर पहचाने
शिलाजीत की शुद्धता परखने के लिए इसे आग में जलाकर भी पहचाना जा सकता है। असली शिलाजीत को आग पर रखने से वो जलता नहीं है। ज्यादा गर्म तापमान होने पर शिलाजीत बुलबुले बनाने लगता है और राख में बदल जाता है। वहीं नकली शिलाजीत आग पर रखते ही तुरंत जल जाता है।
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खास बात, शिलाजीत पाउडर के रुप में न खरीदें
एक खास बात ये है कि शिलाजीत को कभी भी चूर्ण या कैप्सूल के रूप में न खरीदें। शिलाजीत के इन दोनों रूपों में फिलर्स और बाइंडरों की मिलावट रहती है। शुद्ध शिलाजीत चिपचिपी, काले रंग में तारकोल जैसी नजर आती है।
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। राष्ट्र-बंधु इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)
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