PM आवास योजना की खुली पोल तो सफाई के लिए आगे आये BJP IT सेल के मुखिया अमित मालवीय। बीजेपी आईटी सेल (Information & Technology department) प्रमुख अमित मालवीय ने उस इश्तेहार को लेकर ट्विटर पर अपनी सफाई पेश की है, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है। वेस्ट बंगाल इलेक्शन के माहौल में पीएम आवास योजना का इश्तिहार भी शैम्पू और फेयरनेस क्रीम के इश्तिहार की तरह प्रतीकात्मक निकला।
रिपोर्ट्स की माने तो इश्तिहार में जिस महिला को लाभार्थी दिखाया गया वह एक किराए के मकान में रहती मिली। महिला ने यह भी कहा था कि उसे पता ही नहीं है कि उनकी तस्वीर कैसे छप गई। तस्वीर छापने के लिए उससे किसी ने इजाजत नहीं मांगी। और आखिर अब अमित मालवीय ने इस पर अपनी मासूम सफाई दी है।
PM आवास योजना के विज्ञापन पर अमित मालवीय कहते हैं कि ऐसा तो सब करते हैं। उन्होंने अपना लॉजिक स्पष्ट करते हुए ट्वीट किया-
“शटरस्टॉक जैसी फोटो एजेंसियों से ऐसी तस्वीरों का प्रतीकात्मक तौर पर इस्तेमाल राजनीतिक विज्ञापनों में हमेशा से होता रहा है। पीएम आवास योजना के असर के बारे में बताने के लिए ऐसी ही तस्वीर का इस्तेमाल बंगाल में कुछ अलग नहीं है। यहां तक की टीएमसी ने ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल अपने घोषणापत्र में किया है।”
दरअसल, बंगाल में एक महिला की तस्वीर छापते हुए यह दावा किया गया कि महिला को PM आवास योजना के तहत घर दिया गया है और अब वो बहुत खुश है। बाकायदा 25 फरवरी को इस दावे से जुड़ा एक विज्ञापन पश्चिम बंगाल के अखबारों में छापा गया। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और उस महिला की तस्वीर लगी हुई थी। महिला का नाम लक्ष्मी देवी है, और उनके हवाले से विज्ञापन में लिखा था –
“प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुझे अपना घर मिला है। मेरे सिर के ऊपर छत मिली है।”
साथ ही इस विज्ञापन में ये भी दावा किया गया कि बंगाल में करीब 24 लाख परिवार को अपना घर मिला है और वह आज आत्मनिर्भर हैं। इस विज्ञापन के आने के बाद से ही जमकर बवाल हुआ। ये बात सामने आई कि जिस लक्ष्मी देवी की तस्वीर लगाई गई है, उन्हें असल में कोई घर नहीं मिला है। न्यूज़लांड्री की पत्रकार मनीषा पण्डे लक्ष्मी देवी से मिलने गई, और पता चला कि वो कोलकाता के बहुबाज़ार इलाके में किराये के कमरे में रहती हैं। लक्ष्मी देवी ने बताया कि वो आज भी किराये के एक छोटे से कमरे में अपने परिवार के छह अन्य लोगों के साथ रहती हैं।
PM आवास योजना पोल खोलते हुए, लक्ष्मी देवी कहती हैं-
“हम किराये के घर पर रहते हैं। 500 रुपए देते हैं। हमें खुद का घर नहीं मिला है। छोटे से कमरे में मेरे बेटे, बहू और बच्चे रहते हैं। मैं बाहर सो जाती हूं, कमरे के अंदर बच्चे सोते हैं। मेरे से बिना पूछे ही ये तस्वीर छापी गई। मुझे पता ही नहीं चला कि किसने ये तस्वीर दे दी। अगर पता होता तो मैं खींचने ही नहीं देती। जब मैं सोकर उठी, तो सबने कहा कि आपका पेपर में फोटो आया है। मैं डर गई थी, सोचा कि मैंने तो कुछ किया ही नहीं है, ऐसे कैसे फोटो आ गया?”
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ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटों में आठ चरणों में वोटिंग होनी है। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी। आखिरी और आठवें चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी। नतीजे 2 मई को आएंगे। जिसके चलते ये सब बवाल हो रहा है।
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