नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। हाल ही में मोदी सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय का विधेयक संसद में पेश किया था, जो मंगलवार (5 अप्रैल 2022) को पारित हो गया। मोदी सरकार के इस फैसले का आम आदमी पार्टी (AAP) लंबे समय से विरोध कर रही थी। साथ ही दिल्ली नगर निगम के चुनाव समय से ना करवाने को असंवैधानिक भी बताया था। इस बिल के पारित होने पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब एक मजबूत तंत्र के जरिए राजधानी दिल्ली का विकास होगा।
AAP सरकार तीनों नगर निगमो के साथ करती थी सौतेला व्यवहार: शाह
दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक बिल-2022 को पहले लोकसभा में पारित किया गया था। इसके बाद मंगलवार को इसे राज्यसभा में पेश किया गया, जहां पर ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया गया। वहीं इस बिल पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि बिल का मकसद तीनों नगर निगमों को एकीकृत करना है, ताकि समन्वित, रणनीतिक योजना और संसाधनों से राजधानी दिल्ली का विकास सुनिश्चित किया जा सके। शाह ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी के तीनों नगर निगमों- उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।
शाह ने कहा कि AAP के सौतेले व्यवहार के कारण दिल्ली के तीनों नगर निगम ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उनको एकीकृत करना जरूरी हो गया था, ताकि वो सही तरीके से काम कर सकें। राज्य सरकार के सौतेले व्यवहार की वजह से अब तीनों इकाइयों के कर्मचारियों में भी असंतोष है।
अमित शाह ने आगे कहा कि 2011 में दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटा गया था। हमने उसके कारण खोजने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी पुख्ता जानकारी नहीं पता चल सकी। वैसे बांटने वालों ने कुछ अच्छा सोचकर ही ये फैसला लिया होगा, लेकिन 10 साल बाद इसके अच्छे परिणाम नहीं दिख रहे, जिस वजह से उनके विलय हेतु कदम उठाना पड़ गया।
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