Tuesday, December 10, 2024
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ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला आया, जानें अब आगे क्या-क्या होगा?

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी केस में जिला अदालत का फैसला आने से हिंदू पक्ष में उत्साह देखा जा रहा है। अदालत ने फैसला दिया कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनने लायक और इस पर आगे भी सुनवाई जारी रहेगी। इसके साथ ही अदालत ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति जताने वाली याचिका खारिज कर दी है। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता ने वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश का फैसला आते ही अपनी आगे की रणनीति का ऐलान कर दिया।

ज्ञानवापी की ASI से सर्वे की मांग करेगा हिंदू पक्ष

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी केस में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज होने के बाद अब हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद की ASI से सर्वे कराने की मांग की है। साथ ही बीते दिनों में परिसर का जो सर्वे पहले हो चुका है, उस पर भी चर्चा की मांग की जा रही है। हिंदू पक्ष के वकीलों के मुताबिक कोर्ट ने कह दिया है कि यह मामला 1991 के पूजा कानून के दायर में नहीं आता। हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन का कहना है कि अदालत के इस फैसले से आगे मंदिर का मार्ग खुल चुका है। उनके मुताबिक अदालत ने मुस्लिम पक्ष की सारी आपत्तियां खारिज कर दी हैं।

वजू खाने में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग

वाराणसी के जिला जज के फैसले के बाद हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर वजू खाने में वीडियो सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के अनुसार मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की जाएगी। यह सर्वे सिविल कोर्ट के आदेश पर हुआ था, जिसमें परिसर में कई तरह के हिंदू धर्म स्थल के साक्ष्य मिलने के दावे किए जा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का तो यहां तक कहना है कि जिला जज के फैसले से ज्ञानवापी मंदिर की नींव पड़ गई है।

माता श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा व बाबा दर्शन की मांग

हिंदू पक्ष की महिला याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले के साथ ही यह मांग भी शुरू कर दी है कि अब माता श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा के साथ ही बाबा भोले नाथ के दर्शन और प्रतिदिन पूजा की अनुमति भी मिलनी चाहिए और उन्हें मुक्त किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि फिलहाल उस शिवलिंग को अदालत के आदेश पर किसी भी पक्ष के पहुंच से बाहर रखा गया है और उसकी पुख्ता सुरक्षा मुहैया सुनिश्चित जा रही है।

इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकता है मुस्लिम पक्ष

यही नहीं हिंदू पक्ष के मुताबिक अदालत ने मुसलमानों का यह दावा भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि विवादित संपत्ति वक्फ की संपत्ति है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का कहना है कि कोर्ट ने उनकी सारी दलीलें मान ली हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी। उधर मुस्लिम पक्ष इस मामले में कानूनी सलाह लेने की बात कर रहा है। साथ ही साथ टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की ओर से जिला जज के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की बात भी कही जा रही है।

क्या है ज्ञानवापी मस्जिद व श्रृंगार गौरी विवाद?

इस मामले में पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी की नित्य पूजा के लिए याचिका डाली हुई है, जिसे जिला कोर्ट ने आज सुने जाने लायक बताया है और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की आपत्ति को खारिज किया है। माता श्रृंगार गौरी और बाकी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मस्जिद की बाहरी दीवार पर हैं, जिनकी प्रतिदिन पूजा की मांग की जा रही है। लेकिन, मई में हुए सर्वे में मस्जिद के भीतर कई ऐसा साक्ष्य मिलने का दावा किया गया है, जिसके बाद वहां हिंदू पक्ष अपने धर्म स्थल होने के पुख्ता सबूत होने की बात कह रहा है और यह कहानी माता श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार मांगने से भी आगे निकल चुकी है।

वैसे 22 सितम्बर को अदालत पहले पूजा की मांग पर ही सुनवाई कर सकता है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष यह कहते हुए अदालत में गया था कि मस्जिद वक्फ की संपत्ति है, लिहाजा सर्वे कराना या पूजा का अधिकार देना जायज नहीं है। जबकि, हिंदुओं का दावा है कि यह स्थान काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य हिस्सा है, जिसे औरंगजेब के शासन काल में तोड़ दिया गया था और उस पर जबर्दस्ती मस्जिद बना दी गई थी। फिलहाल अदालत जिन पांच महिलाओं की याचिका को सुन रहा है, उनमें चार वाराणसी की और एक दिल्ली की रहने वाली हैं।

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