जहां डिजिटल होने के कई फायदे हैं तो कई नुकशान भी। यह हमें ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रति अधिक संवेदनशील भी बनाता है। डिजिटल लेन-देन ने पिछले कुछ वर्षों में हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है, अधिकांश ग्राहक, दुकानें, यहां तक छोटे-छोटे विक्रेता भी नकद भुगतान के डिजिटल तरीकों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन में बहुत उछाल आया है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी ने अधिक से अधिक लोगों को नकद लेनदेन की तुलना में ऑनलाइन/डिजिटल लेनदेन करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, ऑनलाइन लेन-देन में वृद्धि के साथ वित्तीय घोटालों के मामले मे भी बढ़ोत्तरी हुई है। RBI की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने ₹70,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। ये धोखाधड़ी मुख्य रूप से क्रेडिट/डेबिट कार्ड, इंटरनेट लेनदेन आदि से संबंधित रही। ऐसे में डिजिटल लेनदेन के मामले में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं अगर किसी असावधानी वस ठगों ने आपका अकाउंट खाली कर दिया तो ऐसे मिलेंगे पैसे वापस:-
ठगों ने अकाउंट खाली कर दिया तो तो ऐसे मिलेंगे पैसे वापस
- साइबर ठगी होने की स्थिति में आपको तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल के सेंट्रलाइज नंबर 1930 नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराना चाहिए इससे आपके पैसे दोबारा मिलने का संभव हो सकता है। यह नंबर 1930 पूरे देशभर में लागू है। अगर आप अनलाइन शिकायत करने में सहज है तो साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर खुद से अपना कंप्लेंट दर्ज कर सकते हैं।
- फिर आप अपने बैंक में जाकर इसकी पूरी जानकारी दें। खाते/कार्ड को जैसा बँककर्मी आपको सलाह दें ब्लॉक करा दें। कई बार ठग एक बार पैसे निकालने के बाद विक्टिम के खाते से दोबारा पैसे निकालने की कोशिश करता है। यदि आपके UPI से ठगी हुई है तो आप अपना UPI हैन्डल बदल या डिलीट कर सकते है इससे लिए आप अपनी बैंक को बोलकर UPI ट्रैन्सैक्शन को ब्लॉक भी करवा सकते है।
- आपको अपने साथ हुई ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर भी दर्ज करानी होगी। शिकायत दर्ज कराते समय आपको बैंक पासबुक रिकॉर्ड की कॉपी, आईडी और एड्रेस प्रूफ की कॉपी पुलिस स्टेशन में जमा करनी होगी।
यह भी पढ़ें: UPI Charges: इस लिमिट से ऊपर UPI के जरिए करेंगे ट्रांजेक्शन तो लगेगा चार्ज
देश के सात साइबर फ्रॉड के अड्डे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक देश में जामताड़ा और मेवात के अलावा चंडीगढ़, अहमदाबाद, हैदराबाद, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी की साइबर अपराध के हाटस्पॉट के रूप में पहचान हुई है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के शिकार लोगों को पैसा वापस दिलाने के लिए समय पर शिकायत करना जरूरी है। इसके लिए 1930 टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर पूरे देश में चालू हैं। इस नंबर पर समय रहते शिकायत किये जाने की वजह से 1.3 लाख से अधिक लोगों से ठगे गए 235 करोड़ रुपये की रकम वापस कराने में सफलता मिली है।
साइबर ठगी को अंजाम देने वाले 500 से अधिक App किए गए ब्लॉक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक लोगों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 500 से अधिक मोबाइल एप्लिकेशन को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की सिफारिशों पर ब्लॉक कर दिया गया है। ताकि ठगे गए धन की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा समय समय पर एप स्टोर भी ऐसे संदिग्ध एप्लिकेशन को हटाते ही रहते है।
सुरक्षा टिप्स
मोबाइल एप्लिकेशन विभिन्न प्रकार की सेवाओं तक पहुंचना आसान बनाते हैं। इसलिए लोग अपनी हर जरूरत का एप्लिकेशन मोबाईल में इंस्टॉल कर लेते है। किसी भी एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप सत्यापित ऐप्स ही इंस्टॉल कर रहे हैं, जो कि केवल Google Play Store, Apple App Store या Windows App Store पर ही उपलब्ध हो। किसी थर्ड-पार्टी स्टोर से कभी भी कोई एप्लिकेशन नहीं इंस्टॉल करना चाहिए। किसी भी पेमेंट्स एप्लिकेशन कोई एक्सेस करते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए हर एक स्टेप पर ध्यान से पढ़ें और उसके बाद ही आगे का प्रोसेस करें।
राष्ट्रबंधु की नवीनतम अपडेट्स पाने के लिए हमारा Facebook पेज लाइक करें, WhatsApp व YouTube पर हमें सब्सक्राइब करें, और अपने पसंदीदा आर्टिकल्स को शेयर करना न भूलें।
CHECK OUT LATEST SHOPPING DEALS & OFFERS