सेहत। बरसात के मौसम मे आसानी से उपलब्ध होने वाला मकई यानि भुट्टा खाने के फायदे काफी होने के साथ भुट्टा एक स्वादिष्ट अनुभव भी देता है। भुट्टा एक मोठे आनाज की श्रेणी में आता है। यह पौष्टिक आजाज हमें स्वस्थ रहने और मानसून के मौसम का पूरा आनंद लेने में मदद कर सकता है। बारिश के मौसम में भुट्टा खाने से कई फायदे होते हैं। भुट्टा बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी, विटामिन ई, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, थायमिन, फोलेट और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है।
भुट्टा खाने के फायदे
भुट्टा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
भुट्टा बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है। बरसात जैसे मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में भुट्टा यानि मकई का सेवन कई मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
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भुट्टा एनर्जी देता है
भुट्टा/मक्का कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर को ऊर्जावान बनाने मे मदद कर सकता है। भुट्टा बरसात के मौसम में विशेष रूप से गुणकारी माना जाता है और प्रकृति ने इसी मौसम के लिए इससे बनाया है।
पाचन दुरुस्त करता है
मक्के में मौजूद फाइबर की अच्छी मात्रा पाचन में सहायता करता है साथ ही कब्ज जैसी समस्या को रोकने में मदद करता है। आहार में मक्के को शामिल करने से आंत स्वस्थ और दुरुस्त रहती है।
शुगर स्थिर रखता है
भुट्टा स्वाद में मीठा होने के बावजूद इसमे अपेक्षाकृत कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका मतलब यह है कि यह रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि नहीं करता है। रक्त शर्करा का स्थिर स्तर जरूरी होता है। इस तरह भुट्टा मे शुगर होने के बावजूद भी यह रक्त शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है तो इससे मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति भी इसका सेवन कर सकते हैं।
पानी कमी को पूरा करता है
उबले या भुने हुए भुट्टे में ठीक-ठाक पानी की मात्रा होती है, जो नम बरसात के मौसम में भी शरीर मे पानी की कमी को पूरा करने मे मदद करता है। समग्र स्वास्थ्य के लिए शरीर का हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
भुट्टा पोषक तत्वों का स्रोत
भुट्टा यानि मक्का में थायमिन, फोलेट और मैग्नीशियम जैसे जरूरी विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, जो विभिन्न शारीरिक गतिविधियों के लिए आवश्यक होते हैं। बरसात के मौसम में जब पोषक तत्वों की कमी का खतरा अधिक होता है तो भुट्टा का सेवन इनकी कमी को पूरा कर सकता है।
आँखों के लिए लाभदायक
मक्का में कैरोटीनॉयड, ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन पोशक तत्व मौजूद होते हैं जो आखों की दृष्टि क्षमता को बढ़ाने मे मदद करते हैं।
त्वचा के लिए लाभदायक
मक्का विटामिन ई का एक स्रोत है, जो त्वचा को स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। जिन लोगों को बरसात में अगर त्वचा पर फंगल संक्रमण और जलन होने का खतरा अधिक होता है, उन्हे मक्के का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे उन्हे त्वचा समबंधी संक्रमण से लड़ने मे मदद मिलेगी।
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मक्का/भुट्टा खाने का तरीका
मक्का सेवन के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें उबला हुआ, भुना हुआ, सूप के रूप में, सलाद में, या किसी डिश के रूप में मक्के का स्वाद चखा जा सकता है। भुने या उबले हुए भुट्टे पर नीबू का रस और सेंधा/ काला नामक लगाकर सेवन करने पर इसके स्वाद में जबरजस्त वृद्धि कर देता है। भुने या उबले हुए भुट्टे का सेवन अच्छी तरह चबाकर करना चाहिए। सूखे हुए मक्के को पीसकर इससे रोटियाँ भी बनाकर खायी जाती है इसके आटे से और भी कई तरह के डिश तैयार किए जा सकते हैं।
एक दिन में कितना भुट्टा खाना चाहिए?
अगर एक सामान्य आकार के भुने या उबले हुए भुट्टे की बात की जाए तो एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 1 भुट्टे का सेवन कर सकता है। भुट्टा एक मोटा आनाज है और इसमे फाइबर की प्रचुर मात्रा लंबे समय तक पेट के भरे होने का एहसास कराता है। अगर आप एक से अधिक भुट्टे का सेवन करते है तो आपके पेट मे भारीपन महसूस हो सकता है जिससे जी मितलाने या अपच जैसी समस्या भी हो सकती है।
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। राष्ट्र-बंधु इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)
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