Tuesday, December 10, 2024
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21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है!

अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस (12 अगस्त) पर हार्दिक बधाइयाँ

– डा0 जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा युवा पीढ़ी को आज के युग के ज्ञान तथा बुद्धिमत्ता से जोड़ने के लिए प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की गयी है। यह दिवस युवा पीढ़ी को विश्व के समक्ष उपस्थित विश्वव्यापी समस्याओं तथा उनके समाधान की समझ विकसित की प्रेरणा देता है। यह दिवस जन समुदाय तथा उसके लीडर्स को युवा पीढ़ी को विश्व में आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराने की जानकारियाँ भी प्रदान करता है। यह दिवस महज एक दिन मनाने का दिवस नही है। यह दिवस इस बात के चिन्तन मनन का दिन है कि हम कैसे युवाओं की ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करके अपनी वसुंधरा को एक कुटुम्ब की तरह बना सकते हैं? इस दिशा में हम सभी विश्ववासियों को मिल-जुलकर हर दिन मानव जाति की भलाई के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। हमारा मानना है कि विश्व एकता की शिक्षा इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

भारत का युवा वर्ग तैयार है एक विश्वव्यापी नई युवा क्रांति के लिए

भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। आज भारत में दूसरे देशों की तुलना में सबसे ज्यादा युवा बसते हैं। युवा वर्ग वह वर्ग होता है जिसमें 14 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के लोग शामिल होते हैं। आज भारत देश में इस आयु के लोग सबसे बड़ी संख्या में मौजूद है। एक आंकड़े के अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा देश है। यह एक ऐसा वर्ग है जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर है। जो अपने परिवार, समाज, देश तथा विश्व के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं। आज भारत ने अन्य देशों की तुलना में अच्छी खासी प्रगति की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का है। आज भारत का हर युवा अच्छी से अच्छी शिक्षा पा रहा है। उन्हें पर्याप्त रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। आज भारत का युवा वर्ग हर क्षेत्र में ऊंचाईयों को छूना चाहता है। भारत का युवा वर्ग तैयार है एक विश्वव्यापी नई युवा क्रांति के लिए।

युवा अपने जीवन में केवल उत्तम तथा उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्प्रेरित हो

शिक्षा में निरन्तर एवं सतत् गुणात्मक विकास के लिए मनोयोगपूर्वक प्रयत्न करने की आवश्यकता है। सतत् प्रयत्न द्वारा गुणात्मक बालक निर्मित करने की प्रक्रिया पूरी होती है। क्वालिटी लीडरशिप में जो व्यक्ति अग्रणी बनना चाहते हैं उन्हें शुरू से ही इस दिशा में प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए स्कूलों एवं कालेजों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बचपन से ही यदि बालक उत्तम कार्य करने की आदत डाल लेगे तो बडे़ होकर वे हमेशा ही उत्कृष्ट काम करने की प्रवृत्ति बनाये रखेंगे।

आज विश्व एक ग्लोबल विलेज के रूप में उभर रहा है

सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व का पहला ऐसा विद्यालय है जिसने ”शिक्षा में गुणवत्ता“ की भावना के महत्व को समझा है और शिक्षा के निरन्तर एवं सतत् गुणात्मक विकास के लिए मनोयोगपूर्वक प्रयत्नशील है। इस प्रयत्न की शुरूआत मेरी जापान यात्रा से शुरू हुई है। जापान की औद्योगिक एवं आर्थिक प्रगति के पीछे ”कैजेन“ दर्शन के अन्तर्गत स्थापित क्वालिटी सर्किल्स का हाथ है। जापानी शब्द ”कैजेन“ का अर्थ बहुत व्यापक है – (”के“ का अर्थ है ”अविरल“ एवं ”जन“ का अर्थ है ‘विकास’)। अर्थात हमारी मनःस्थिति एवं आदत इस प्रकार की बन जाये कि हम पूर्ण मनोयोग एवं पूर्ण समर्पण की भावना से अपने कार्य में निरन्तर चिन्तन, मनन और अविरल प्रयास कर चरम सीमा तक पहुँचे बिना चैन की सांस न लें। इस युग में आज विश्व एक ग्लोबल विलेज के रूप में उभर रहा है।

21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है

विश्व की आधी से ज्यादा आबादी युवकों की है। युवकों में मानसिक तथा शारीरिक क्षमता सर्वाधिक होती है। किसी भी व्यक्ति में इन बातों का होना सबसे बड़ी मजबूती है। सारे विश्व में आज हमारे युवक विज्ञान, अर्थ व्यवस्था, प्रशासन, न्यायिक, मीडिया, राजनीति, अन्तरिक्ष, खेल, उद्योग, प्रबन्धन, कृषि, भूगर्भ विज्ञान, समाज सेवा, आध्यात्म, शिक्षा, चिकित्सा, तकनीकी, बैंकिग, सुरक्षा आदि सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों का बड़े ही बेहतर तथा योजनाबद्ध ढंग से नेतृत्व तथा निर्णय लेने की क्षमता से युक्त पदों पर असीन हैं।

युवक ही एक युद्धरहित एवं न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था का गठन करेंगे

21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है। युवकांे के नेतृत्व में दुनिया से युद्धों की समाप्ति हो जायेगी। क्योंकि वैज्ञानिक, विश्वव्यापी तथा मानवीय दृष्टिकोण से ओतप्रोत कोई भी युवक का हृदय एवं संवेदना युद्ध में एक-दूसरे का खून बहाने के पक्ष में कभी नही होता है। हमारा विश्वास है कि युवा पीढ़ी ही एक युद्धरहित एवं न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था का गठन करेंगे। भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं संविधान के अनुरूप विश्व भर की युवा पीढ़ी का समर्थन एवं सहयोग का भी सारी वसुधा को कुटुम्ब बनाने के अभियान में सर्वाधिक श्रेय होगा। विश्व का सबसे बड़ा युवा देश भारत ही विश्व में एकता तथा शान्ति स्थापित करेगा!

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Sanjeev Shukla
Sanjeev Shuklahttps://www.rashtrabandhu.com
He is a senior journalist recognized by the Government of India and has been contributing to the world of journalism for more than 20 years.
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